कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित होने के बाद अब लोकसभा आवास समिति ने सरकार द्वारा आवंटित बंगला खाली करने का नोटिस दिया है. नोटिस के मुताबिक राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक बंगला खाली करना होगा. 30 दिन के अंदर की क्यों खाली करना होगा बंगला, दिल्ली के लुटियंस जोन में 12 तुगलक लेन वाला अपना सरकारी बंगला खाली करना होगा। लोकसभा का हाउसिंग कमेटी की तरफ से नोटिस के बाद राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक यह बंगला खाली करना होगा। आखिर राहुल गांधी इस बंगले को कब तक अपने पास रख सकते हैं।
टाइप 6 से टाइप 8 तक के सरकारी बंगले सांसदों, केंद्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों को अलॉट किए जाते हैं। राहुल गांधी का बंगाल टाइप 7 है। टाइप 7 बंगले विशेष तौर पर राज्य मंत्रियों, दिल्ली हाईकोर्ट के जज, कम से कम पांच बार सांसद रहे व्यक्तियों को अलॉट होता है। पहली बार अगर कोई जीतकर सांसद बनता है तो उसे सरकार की तरफ से पहले 5 टाइप का बंगला दिया जाता था लेकिन अब नए शर्तों के अनुसार उसे टाइप 6 का बंगला दिया जाता है।
बंगला खाली नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है। इसके बाद सुनवाई तय की जाती है। मामले की सुनवाई डिप्टी डायरेक्टर ऑफ एस्टेट (जांच) करते हैं। बंगले का अलॉटमेंट रद्द करने के आदेश की तारीख से 30 दिनों के भीतर फैसले के खिलाफ अपील का विकल्प होता है। यदि अपीलीय प्राधिकारी अपील को खारिज कर देता है, तो मामले को बेदखली की प्रक्रिया शुरू करने के लिए लेजिलेशन सेक्शन को भेज दिया जाता है। अधिकारी के अनुसार आमतौर पर, संपदा निदेशालय ऑक्यूपेंट को पर्याप्त कारण बताओ नोटिस भेजता है। इसके बाद उनकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करता है। ऐसे मामलों में जहां रहने वाले किसी भी अदालत के हस्तक्षेप के बिना भी बंगला छोड़ने करने को तैयार नहीं होता है तो टीमों को बेदखली प्रक्रिया शुरू करने के लिए भेजा जाता है। समय से अधिक समय तक बंगले में रहने वाला व्यक्ति को सिर्फ हाई कोर्ट से ही राहत मिल सकती है। इससे पहले निचली अदालत से ही लोग आसानी से स्टे ले लेते थे। इसके अलावा संबंधित सांसद लोकसभा की हाउसिंग कमेटी के पास अतिरिक्त समय दिए जाने का आग्रह कर सकता है।