मौसम में बदलाव के साथ ही इनफ्लुएंजा वायरस के H3N2 वेरिएंट का खतरा बढ़ गया है. इसे लेकर हेल्थ एक्सपर्ट विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. गुजरात के अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव मनोज अग्रवाल ने कहा कि इन्फलुएंजा वायरस के चार प्रकार हैं- ए, बी, सी और डी. इसमें इन्फ्लुएंजा ए H1N1 और H3N2 उपप्रकार तेजी से फैलता है.
क्या है इन्फ्लुएंजा?
इन्फ्लुएंजा या फ्लू एक सांसों की संक्रमण की बीमारी है जो इन्फ्लुएंजा वायरस के चलते होता है. यह पूरी दुनिया में फैलता है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की महामारियों की सूची में शामिल है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, मौसमी इन्फ्लुएंजा वायरस के चार वेरिएंट- ए, बी, सी और डी हैं.
1 सीजनल इन्फ्लूएंजा के अधिकांश रोगियों में सुधार व खांसी के सामान्य लक्षण होते हैं, जो कि स्वतः ही ठीक हो जाते हैं। हालांकि अन्य रोगों (जैसे Chronic Obstructive, Pulmonary Disease मधुमेह, हृदय रोग, क्रोनिक रीनल और लीवर डिजीज आदि) से ग्रसित लोग, वृद्ध लोग, गर्भवती महिलाएं, मोटापे से ग्रस्त एवं बच्चों आदि में विशेष सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है।
2 सौजनल इन्फ्लुएन्जा के संचरण को रोकने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में सामुदायिक जागरूकता महत्वपूर्ण है जैसे हाथ धोना, खांसी या छीक आने पर अपने मुंह और नाक को टिश्यू से ढकना,
सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचना, मीनाद वाले वातावरणा में मास्क का उपयोग करना आदि।
3 सीजनल इन्फ्लुएन्जा के प्रभावी नियंत्रण एवं उपचार हेतु भारत सरकार द्वारा प्रदत्त गाइडलाईन (इन्फ्लुएन्जा रोगियों के वर्गीकरण clinical management protocol, providing home care, sample collection) संलग्न कर सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु आपको प्रेषित की जा रही है। वर्तमान में इन्फ्लुएंजा के Sub types की जांच के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून एवं हल्द्वानी, नैनीताल में सुविधा उपलब्ध है।
4 जनपद के जिला/बेस / संयुक्त चिकित्सालयों में सीजनल इन्फ्लुएन्जा के मरीजों के उपचार हेतु पर्याप्त आइसोलेशन बेड/वार्ड/आई०सी०पू० वेन्टिलेटर इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें। किसी फिजीशियन / चिकित्सक को चिकित्सालय के आईसोलेशन वार्ड का नोडल अधिकारी नियुक्त करें तथा उनको नाम व कान्टेक्ट नं० (मोबाइल) एवं आईसोलेशन वार्ड में बेटों की संख्या से अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को अवगत कराये।
5 सीजन इन्फ्लुएन्जा संदिग्ध मृत्यु की समीक्षा भारत सरकार द्वारा प्रदत प्रारूप (संलग्न) के अनुसार करें ताकि मृत्यु के वास्तविक व लयात्मक कारण का पता चल सके। संदिग्ध मृत्यु की समीक्षा हेतु आडिट कमेटी का गठन कर वैध आडिट रिपोर्ट तीन कार्य दिवसों के अन्दर राज्य स्तर को उपलब्ध कराये।
6 सौजनल इन्फ्लूएंजा के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु साचिय स्वास्थ्य भारत सरकार द्वारा प्रेषित दिशानिर्देश इस पत्र के साथ संलग्न कर प्रेषित किए जा रहे हैं।
सीजनल इन्फ्लुएन्जा (H1 N1, H3 N2 इन्फ्लुएन्जा बी एडिनो वायरस) को लेकर सभी जनपदों में एडवाइज़री जारी..
